पटना न्यूज डेस्क: कमिटी बनाकर 17 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को पटना में कदमकुआं थाने की पुलिस ने नाला रोड के एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया है। उस पर पटना के कई थानों में 57 मामले दर्ज हैं। पुलिस ने कोर्ट से जारी वारंट के बाद संजय को मधुबन अपार्टमेंट में उसके फ्लैट से पकड़ा। कदमकुआं थाने में उसके खिलाफ सात वारंट हैं और उसकी कुर्की भी निकली हुई है। ठगी के पीड़ितों ने कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी। पुलिस उसे मंगलवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेजने की तैयारी कर रही है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने संजय से विस्तृत पूछताछ की, जिसमें यह भी पूछा गया कि उसने कितने लोगों से ठगी की है।
संजय ने 20 व्यक्तियों की एक कमिटी का गठन किया, जिसमें उसने प्रत्येक सदस्य से एक लाख या पांच लाख रुपये लिए। स्थानीय भाषा में इसे बीसी कहा जाता है। जब इस कमिटी में एक बड़ी राशि एकत्रित होती थी, तो जो सदस्य पैसे की आवश्यकता महसूस करता था, उसे पैसे दिए जाते थे। इसके बदले में उसे ब्याज चुकाना होता था, जो सभी सदस्यों के बीच बांटा जाता था। संजय ने ऐसी कई कमिटियां बनाई और लोगों से पैसे इकट्ठा किए, लेकिन उसने किसी को भी रुपये वापस नहीं किए। उसकी कुल ठगी 17 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।
इस प्रकार की कमिटियों में अधिकतर व्यापारी वर्ग के लोग पैसे लगाते हैं, और इनका नेतृत्व अक्सर दबंग प्रवृत्ति वाले व्यक्ति द्वारा किया जाता है। रुपये का लेन-देन पूरी तरह से विश्वास पर निर्भर करता है, और इसमें शामिल होने या रुपये के लेन-देन के लिए किसी भी प्रकार के कागजात नहीं मांगे जाते। कुछ कमिटियों में राशि पांच से दस करोड़ तक हो सकती है। कई बार बीसी से जुड़े पैसे के गबन के चलते आपराधिक मामले भी सामने आए हैं।