पटना न्यूज डेस्क: पटना के चिरैयाटांड़ स्थित 1956 में स्थापित राजकीयकृत उच्च माध्यमिक विद्यालय का भवन अब जर्जर हालत में है और कभी भी धराशायी हो सकता है। खतरे की गंभीरता को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारी कई बार विभाग को पत्र लिखकर इसे ध्वस्त कर नया भवन बनाने का अनुरोध कर चुके हैं। यहां तक कि स्थानीय विधायक भी अधिकारियों को आगाह कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस बीच, कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई इसी जर्जर भवन में जारी है।
स्कूल के पश्चिमी हिस्से की दीवार एक ओर झुक चुकी है, जो बड़ा खतरा पैदा कर रही है। जिला शिक्षा पदाधिकारी साकेत रंजन ने 25 जुलाई को बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम को पत्र भेजकर पुराने भवन को ध्वस्त कर जी प्लस फोर का नया भवन बनाने का प्रस्ताव दिया है। इससे पहले माध्यमिक उप शिक्षा निदेशक भी भवन का निरीक्षण कर प्रस्ताव भेज चुके हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थिति इतनी खराब है कि बारिश के दिनों में कक्षाओं में पानी भर जाता है और छात्र-छात्राओं को पानी में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है। पानी सूखने के बाद भी महीनों तक कीचड़ जमा रहता है। स्कूल के रास्ते में भी बरसाती पानी भरने से आवाजाही मुश्किल हो जाती है। छत से पानी टपकना आम बात हो गई है और दीवारें भी कमजोर हो चुकी हैं।
स्कूल प्रशासन का कहना है कि बार-बार चेतावनी और पत्राचार के बावजूद अब तक बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम का कोई अधिकारी या इंजीनियर मौके पर निरीक्षण करने तक नहीं आया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दोहराया कि स्कूल की जर्जर स्थिति को देखते हुए तुरंत कार्रवाई जरूरी है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।