पटना न्यूज डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के भीतर चल रही खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है। सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और वाम दलों के बीच जमकर टकराव देखने को मिल रहा है। करीब एक दर्जन सीटों पर घटक दलों के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक चुके हैं, जिससे ‘फ्रेंडली फाइट’ ने अब गंभीर रूप ले लिया है। इसी वजह से गठबंधन के भीतर डैमेज कंट्रोल की कोशिशें तेज हो गई हैं ताकि चुनाव से पहले एकजुटता का संदेश दिया जा सके।
कांग्रेस ने हालात को संभालने के लिए अपने वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को मैदान में उतारा है। वे मंगलवार को पटना पहुंच रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से होगी। दोनों नेताओं के बीच उन 11 सीटों पर बातचीत होगी जहां महागठबंधन के उम्मीदवार आपस में भिड़े हुए हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि हर सीट पर गठबंधन की ओर से एक ही प्रत्याशी उतरे। गहलोत ने पटना पहुंचने से पहले भरोसा जताया कि 2-4 सीटों को छोड़कर बाकी जगह नामांकन वापस ले लिए जाएंगे।
कांग्रेस और आरजेडी के बीच मतभेद दूर होने के बाद 23 अक्टूबर को महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होने की संभावना है। इसमें तेजस्वी यादव, राजेश राम, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश साहनी और कृष्णा अल्लावरू जैसे नेता शामिल रहेंगे। फिलहाल 243 विधानसभा सीटों पर गठबंधन के कुल 254 उम्मीदवार मैदान में हैं — आरजेडी 143, कांग्रेस 60, लेफ्ट पार्टियां 33, वीआईपी 15 और इंडियन इनक्लूसिव पार्टी 3 सीटों पर लड़ रही हैं।
इस बीच, आरजेडी ने तेजस्वी यादव को सीएम फेस बताकर चुनावी सॉन्ग जारी कर दिया है, जबकि पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने एक नया राजनीतिक बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि एनडीए अब नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी और कांग्रेस ही उन्हें सम्मान देगी। उन्होंने दावा किया कि नीतीश खुद कांग्रेस में आने के इच्छुक हैं। ऐसे में महागठबंधन अब 24 अक्टूबर से चुनाव प्रचार की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी में है, लेकिन उससे पहले सभी दलों को अंदरूनी मतभेदों को खत्म करना होगा ताकि एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरा जा सके।