पटना न्यूज डेस्क: इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (IGIC) में मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए हैं। पुराने आउटडोर भवन को तोड़कर अब वहां पर पार्किंग बनाई जाएगी। साथ ही, नए भवन को इस तरह जोड़ा जाएगा जिससे भविष्य में ऊपर की ओर विस्तार की संभावना बनी रहे। ओपन हार्ट सर्जरी में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए जल्द ही परफ्यूजनिस्ट की नियुक्ति की जाएगी, जो सर्जरी टीम का अहम हिस्सा होते हैं।
सोमवार को IGIC सभागार में रोगी कल्याण समिति की शासी निकाय की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने की। उन्होंने कहा कि मरीजों की ज़रूरतों को देखते हुए कई जरूरी दवाओं को एसेंशियल ड्रग लिस्ट में शामिल किया जाए। साथ ही उन्होंने IGIC को राज्य का पहला सुपरस्पेशलिटी कार्डियोलॉजी अस्पताल बताते हुए कहा कि यहां मरीजों के लिए काफी बेहतर सेवाएं सस्ती दर पर उपलब्ध हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि शिशु हृदय चिकित्सा और सर्जरी की सुविधाओं को और बेहतर किया गया है। जरूरत के मुताबिक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और कुछ ज़रूरी दवाएं जल्द ही सूची में शामिल की जाएंगी ताकि भर्ती मरीजों को समय पर इलाज मिल सके। उन्होंने स्टरलाइजेशन मशीन (सीएसएसडी) की खराब स्थिति पर भी चिंता जताई। आयुक्त ने मशीन को फिर से चालू कराने और उससे जुड़ी सभी व्यवस्थाएं जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।
बैठक के बाद आयुक्त ने ओपीडी का दौरा कर मरीजों और उनके परिजनों से फीडबैक लिया। उन्होंने ओपीडी में बैठने की अच्छी व्यवस्था, पंखे और एसी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने कार्डियोलॉजी से जुड़ी पढ़ाई, ट्रेनिंग और इलाज की सुविधाओं में लगातार सुधार करने पर ज़ोर दिया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार, संयुक्त निदेशक, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी विनय कुमार ठाकुर सहित कई अधिकारी और समिति के सदस्य मौजूद रहे।