पटना न्यूज डेस्क: पटना जिले के मसौढ़ी अंचल कार्यालय में आरटीपीएस सेवा से जुड़ा एक बेहद अजीब मामला सामने आया है, जिसमें एक जानवर की फोटो और काल्पनिक नाम-पते के साथ उसे आधिकारिक निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। प्रमाण पत्र में ‘डॉग बाबू’ को आवेदक बताया गया, पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’ और माता का नाम ‘कुटिया देवी’ अंकित था। यह प्रमाण पत्र 24 जुलाई को जारी हुआ, जिस पर राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान का डिजिटल हस्ताक्षर भी मौजूद था। मामला सामने आने के बाद मसौढ़ी और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया।
जैसे ही यह प्रमाण पत्र वायरल हुआ, रविवार की शाम को आनन-फानन में इसे आरटीपीएस पोर्टल से हटा दिया गया और प्रमाण पत्र को रद्द घोषित कर दिया गया। हालांकि, इसकी कैंसिल कॉपी अभी भी पोर्टल के सर्वर पर दिख रही है। मसौढ़ी के अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने पुष्टि की कि मामला संज्ञान में आते ही तत्काल कार्रवाई की गई और दस्तावेज रद्द किया गया।
पटना जिला प्रशासन ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए आवेदक, सिस्टम में जानकारी भरने वाले ऑपरेटर और सर्टिफिकेट जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी है। उप-मंडल अधिकारी को 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि दोषी कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो।
इस पूरे मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई है। सांसद पप्पू यादव ने एक्स (Twitter) पर तंज कसते हुए कहा, “कुत्ता दिखा रहा निवास प्रमाण पत्र, कोई प्रमाण पत्र न दे पाए इंसान… यह है मेरा भारत महान।” उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या अब जानवरों को भी वोटिंग राइट मिलेगा?