पटना न्यूज डेस्क: पटना के नए सचिवालय स्थित विकास भवन में मंगलवार को पंचायती राज विभाग में कार्यरत क्लर्क राज कमल रजक (37) की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। वह ऑफिस में काम कर रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। राज कमल रजक की मौत के बाद सचिवालय के कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी राज कमल रजक को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे, जिससे वह लगातार तनाव में थे। साथी कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारियों की मानसिक प्रताड़ना की वजह से ही उनकी मौत हुई है।
मृतक के पिता किशोर कुमार ने भी विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनके बेटे को काम का जरूरत से ज्यादा दबाव दिया जाता था और उसे लगातार टॉर्चर किया जाता था। राज कमल रजक की शादी पिछले साल ही हुई थी और उनकी दो महीने की एक बच्ची भी है। किशोर कुमार ने सरकार से न्याय और आर्थिक सहायता की मांग की है, ताकि उनके बेटे की बेटी का भविष्य सुरक्षित किया जा सके। वहीं, कर्मचारियों ने भी अनुकंपा नियुक्ति और 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की मांग की है।
राज कमल रजक की मौत के बाद कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया, जिससे सचिवालय में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। पटना सदर के SDM गौरव कुमार जब प्रदर्शनकारियों को शांत कराने पहुंचे, तो उनके बयान से विवाद खड़ा हो गया। SDM ने कहा, "इतना संवेदनशील मामला है तो लोग मजे क्यों ले रहे हैं?" इस टिप्पणी के बाद कर्मचारी भड़क गए और SDM से तीखी झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और कर्मचारियों से शांति बनाए रखने की अपील की।
विभागीय कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अधिकारी छुट्टी के दिन भी काम पर बुलाते थे और काम का अत्यधिक दबाव डालते थे। एक कर्मचारी ने कहा कि सेक्शन 9 के अधिकारी रंजीत कुमार और उप सचिव गोविंद चौधरी राज कमल रजक को टारगेट करते थे। उनसे बार-बार स्पष्टीकरण मांगा जाता था और ऑफिस में उनके साथ बदसलूकी की जाती थी। इस मामले की जांच जारी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।