पटना न्यूज डेस्क: लोक आस्था का महान पर्व छठ आज से “नहाए खाए” के साथ शुरू हो गया है। इस चार दिवसीय महापर्व में श्रद्धालु सूर्य देव और छठी मैय्या की पूजा अर्चना करते हैं और अर्घ्य देकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं। छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय-खाय से होती है, पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है। इस व्रत को कठोर नियमों के अनुसार 36 घंटे तक रखा जाता है, जिसमें भक्ति, पवित्रता और अनुशासन का विशेष महत्व है।
ज्योतिष और कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित अरुण कुमार मिश्रा के अनुसार, छठ बिहार और पूर्वांचल के लोगों की आस्था का प्रतीक है। यह पर्व सूर्यदेव की उपासना और देवी कात्यायनी से आशीर्वाद मांगने का पर्व है। छठ यह भी दर्शाता है कि जिसका अंत है, उसका नया आरंभ भी होगा।
पटना जिले में प्रशासन ने छठ महापर्व के लिए सारी तैयारियां पहले ही पूरी कर ली हैं। दानापुर से पटना सिटी तक 109 छठ घाट तैयार किए गए हैं। इन घाटों में कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रु घाट, दीघा घाट, जेपी सेतु घाट, दीघा पाटलिपुल घाट, मीनार घाट और गाय घाट प्रमुख हैं। 30 किमी के क्षेत्र में गंगा घाटों पर 25 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य देंगे। घाटों पर महिला व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम, शौचालय, पीने के पानी, मेडिकल कैंप, वॉच टावर और भीड़ नियंत्रण के लिए माइक और नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था की गई है। पार्किंग की दूरी 200 से 500 मीटर तक निर्धारित की गई है।
पटना के जिलाधिकारी त्याग राजन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा लगातार घाटों का निरीक्षण कर रहे हैं। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। पर्याप्त पुलिस बल, पैदल गश्ती, पेट्रोलिंग गाड़ियां और वॉच टावर लगाए गए हैं। सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। लोगों से अपील है कि किसी अफवाह पर ध्यान न दें और किसी भी समस्या के लिए सीधे पुलिस से संपर्क करें।