पटना न्यूज डेस्क: बिहार के पटना में बीपीएसी के छात्रों ने हाल ही में हुई 70वीं परीक्षा के परिणामों को लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने गर्दनीबाग इलाके में तख्तियां और पोस्टर लेकर परीक्षा रद्द करने की मांग उठाई। इन छात्रों का कहना है कि पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर हुई परीक्षा में गड़बड़ी के कारण पूरा परीक्षा आयोजन संदिग्ध हो गया है, जिसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने इस केंद्र की परीक्षा रद्द कर फिर से परीक्षा कराने का निर्णय लिया था।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने अपनी मांग को लेकर 'शिक्षा का सत्याग्रह' आंदोलन की शुरुआत की। उन्होंने पूरी बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा लेने की बात की। प्रदर्शन में शामिल छात्र पोस्टरों और बैनरों के साथ अपने गुस्से का इजहार कर रहे थे। एक पोस्टर पर लिखा था, "जो हो गड़बड़ी का शिकार, वो परीक्षा है बेकार" और दूसरे पर लिखा था, "आवाज दो हम एक हैं"। छात्रों ने तिरंगा झंडा भी लहराया और एकजुट होकर अपनी आवाज़ बुलंद की।
एक छात्र ने बताया कि उसका परीक्षा केंद्र कटिहार में था, और उसने परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष मानने की बात की। हालांकि, उसने कहा कि यदि कुछ परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी हुई है तो उसके दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। छात्रों का कहना है कि एक ही परीक्षा के लिए अलग-अलग केंद्रों में परीक्षा की स्थिति भिन्न हो सकती है, इसलिये पूरी परीक्षा को एक समान रूप से दोबारा आयोजित किया जाना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि 15,000 छात्रों के लिए फिर से परीक्षा हो सकती है, लेकिन सभी छात्रों को समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक ही परीक्षा के लिए अगर अलग-अलग तरीके से प्रश्न पूछे जाते हैं तो यह न्याय का उल्लंघन होगा। उनका कहना है कि सभी छात्रों को एक समान परिस्थिति में परीक्षा दी जानी चाहिए ताकि कोई भी पक्षपाती न हो।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने यह भी दावा किया कि उनके परीक्षा केंद्र पर परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से हुई थी, लेकिन फिर भी उन्होंने परीक्षा के समग्र आयोजन को लेकर असंतोष जताया। उनका मानना है कि जब तक पूरी परीक्षा को रद्द करके फिर से आयोजित नहीं किया जाएगा, तब तक छात्रों के साथ न्याय नहीं हो पाएगा।