पटना न्यूज डेस्क: बिहार में शहरी विकास को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने पहली बार लैंड पुलिंग पॉलिसी लागू कर दी है। मंगलवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी मिली। इसके तहत राज्य के प्रमंडलीय शहरों में सैटेलाइट टाउनशिप विकसित की जाएगी। योजना के अनुसार तय किया गया है कि जमीन का कितना हिस्सा सड़क, पार्क, खेल मैदान, और आवासीय निर्माण के लिए इस्तेमाल होगा।
नगर विकास मंत्री जीवेश कुमार ने बताया कि इस पॉलिसी के तहत जमीन विकसित करके 55% भूमि वापस भूस्वामी को दी जाएगी, जबकि 22% भूमि सड़क निर्माण के लिए आरक्षित रहेगी। इसके अलावा 3% भूमि कमजोर वर्ग के आवास, 5% भूमि पार्क व सार्वजनिक ढांचे के लिए होगी, और 15% भूमि सरकार अपने पास रखेगी। उनका कहना है कि यह नीति ग्रेटर पटना के सुनियोजित विकास में अहम भूमिका निभाएगी।
पटना शहर के विस्तार के लिए एक विशेष प्राधिकरण के तहत ग्रेटर पटना का विकास किया जाएगा। इसमें पटना के 4 अनुमंडलों के 14 प्रखंड शामिल होंगे — पटना सदर, संपतचक, फुलवारीशरीफ, फतुहा, दनियावां, खुसरुपुर, मसौढ़ी, पुनपुन, धनरूआ, दानापुर, मनेर, बिहटा, नौबतपुर और बिक्रम। यहां साल 2050 की आबादी को ध्यान में रखते हुए टाउनशिप, सड़कें और अन्य संरचनाएं बनाई जाएंगी।
सरकार को उम्मीद है कि इस नीति से न केवल सुनियोजित शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भूमि मालिकों को भी उचित लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सड़क और सार्वजनिक सुविधाओं के लिए तय आरक्षण से नए शहर पर्यावरण और आधारभूत संरचना के लिहाज से संतुलित रूप से विकसित हो सकेंगे।