पटना न्यूज डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बेतिया सीट से भाजपा की पूर्व डिप्टी सीएम और उम्मीदवार रेणु देवी की संपत्ति और वित्तीय विवरण सार्वजनिक हुए हैं। उनके पास फिलहाल सात लाख 12 हजार 501 रुपये नकद हैं। इसके अलावा उनकी कुल संपत्ति 1 करोड़ 14 लाख 29 हजार 924 रुपये बताई गई है, जिसमें वाहन, सोना, चांदी और आर्म्स शामिल हैं। उनके पास 510 ग्राम सोना जिसकी कीमत 25 लाख 82 हजार 516 रुपये है और 1.5 किलो चांदी 75 हजार रुपये मूल्य की है। इनके पास दो एसयूवी वाहन और पिस्टल व रायफल जैसी आर्म्स भी हैं।
रेणु देवी की जमीन की संपत्ति आठ अलग-अलग स्थानों पर फैली है, कुल मिलाकर लगभग 1.96 एकड़ जमीन है। उनके पास बेतिया और पटना में मकान है, जबकि उनके पति के नाम कोलकाता के जोगचा हावड़ा में भी एक मकान है। इसके अलावा उनके ऊपर वाहन लोन के रूप में एडीबी बैंक में 5,46,594 रुपये बकाया हैं। उनके खिलाफ किसी प्रकार का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। उन्होंने 1975 में बेतिया के संत तेरेसा बालिका उच्च विद्यालय से मैट्रिक और 1977 में मुजफ्फरपुर के एमडीडीएम कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की थी।
नौतन से भाजपा प्रत्याशी नारायण प्रसाद और उनकी पत्नी की संपत्ति भी काफी है। नारायण प्रसाद के पास फिलहाल 1 लाख 10 हजार रुपये और उनकी पत्नी के पास 1 लाख रुपये नकद हैं। उनकी कुल संपत्ति 1 करोड़ 20 लाख 65 हजार 922 रुपये बताई गई है, जिसमें सोना, चांदी और वाहन शामिल हैं। उनके पास जीप, इनोवा और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ियां हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास तीस लाख रुपये का सोना और 72 हजार रुपये मूल्य की चांदी के जेवर हैं। उनके पास एक रिवॉल्वर और एक गन भी है। भूमि की संपत्ति चार एकड़ 35 डिस्मील है और वाहन लोन के रूप में एसबीआई में 3 लाख 68 हजार 523 रुपये बकाया हैं।
सिकटा के माले विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता की संपत्ति 63 लाख 50 हजार रुपये बताई गई है। उनकी पत्नी के पास 55 लाख रुपये की अचल संपत्ति है। विधायक के ऊपर महिंद्रा फाइनेंस का 9 लाख रुपये का कर्ज है, जबकि विभिन्न बैंकों में उनके पास लगभग 5 लाख रुपये जमा हैं। उनके खिलाफ चार आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 2024-25 के आयकर रिटर्न में उन्होंने 5 लाख 11 हजार 590 रुपये आय दिखाई है। उनके पास महिंद्रा फाइनेंस से ली गई स्कॉर्पियो और पत्नी के पास 20 ग्राम सोना व 300 ग्राम चांदी हैं। उनके संयुक्त परिवार के नाम 49 लाख रुपये की जमीन है, जिसका बंटवारा अभी नहीं हुआ है।