पुणे न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में इस समय कई मुद्दों को लेकर विवाद चल रहा है, ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को पुणे में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य सदस्य राज्यों के बीच विवादों का समाधान निकालना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना है। इसमें बुनियादी ढांचे, जल आपूर्ति, खनन, पर्यावरण, वन और राज्य पुनर्गठन से जुड़े अहम मसलों पर चर्चा होगी। साथ ही प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), दूरसंचार के विस्तार और क्षेत्रीय हितों से जुड़े अन्य विषयों को भी बैठक में शामिल किया जाएगा।
बैठक में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच, पॉक्सो और दुष्कर्म के मामलों के जल्द निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना, हर गांव में 5 किमी के दायरे में बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की उपलब्धता, पोषण अभियान के तहत बच्चों में कुपोषण दूर करने और स्कूली बच्चों की ड्रॉपआउट दर कम करने जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी मंथन होगा। इसके अलावा, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सरकारी अस्पतालों की भागीदारी को बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी।
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव शामिल हैं। बैठक का आयोजन गृह मंत्रालय के अंतर-राज्य परिषद सचिवालय द्वारा महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें इन राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक, दो-दो वरिष्ठ मंत्री, मुख्य सचिव, गृह मंत्रालय के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी भाग लेंगे। इससे पहले 26वीं बैठक अगस्त 2023 में गुजरात में आयोजित की गई थी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करने पर जोर दिया है। क्षेत्रीय परिषदें केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं। गृह मंत्री अमित शाह भी क्षेत्रीय परिषदों के माध्यम से राज्यों को सशक्त बनाने और विवादों को सुलझाने की वकालत कर चुके हैं। 2022 में सभी पांच क्षेत्रीय परिषदों की बैठकें उनके नेतृत्व में संपन्न हुई थीं, जिससे राज्यों और केंद्र के बीच नीतिगत सामंजस्य को बेहतर करने की दिशा में ठोस प्रयास हुए।