पटना न्यूज डेस्क: पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र में खुदाई के दौरान एक प्राचीन शिव मंदिर का अवशेष सामने आया है। यह मंदिर कचरे के ढेर से ढका हुआ था और जमीन धंसने के बाद नजर आया। मंदिर में एक शिवलिंग और दो पदचिह्न पाए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मंदिर 15वीं शताब्दी का हो सकता है, जो लगभग 500 साल पुराना है। मंदिर के स्तंभों पर सुंदर नक्काशी और काले पत्थर का चमकदार शिवलिंग इसकी भव्यता को दर्शाता है।
मंदिर की खोज स्थानीय लोगों द्वारा की गई, जिन्होंने अधिकारियों के आने से पहले ही खुदाई कर इसे साफ किया और पूजा शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि यह जमीन किसी मठ के नाम पर छोड़ी गई थी, लेकिन सालों से कचरे का ढेर बनी हुई थी। जैसे ही शिवलिंग और पदचिह्न सामने आए, लोगों ने जयकारे लगाए और इस स्थान को धार्मिक स्थल के रूप में अपनाना शुरू कर दिया।
खुदाई के दौरान पता चला कि मंदिर चिकने काले पत्थर से बना है, जिससे लगातार पानी रिस रहा है। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह किसी खास धातु का मंदिर है। मंदिर की बनावट इसे प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व का साबित करती है। लोगों ने खुदाई के बाद मिट्टी हटाने और मंदिर को संरक्षित करने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया।
यह मंदिर नारायण बाबू की गली के पास स्थित है, जहां रविवार को जमीन धंसने की घटना हुई। स्थानीय निवासियों ने खुदाई के बाद लगभग पांच फुट ऊंचा मंदिर पाया, जिसमें शिवलिंग स्थापित था। अब यह स्थान स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया है।
इस प्राचीन स्थल का ऐतिहासिक महत्व बढ़ गया है, लेकिन मंदिर के सही समय और इसके इतिहास की आधिकारिक जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। पुरातत्व विभाग से इसके अध्ययन की मांग की जा रही है। लोग इस स्थल को संरक्षित करने और मंदिर का जीर्णोद्धार करने में जुटे हुए हैं।
मंदिर की खोज के बाद यहां पूजा-अर्चना का सिलसिला जारी है। स्थानीय निवासियों ने आपसी सहयोग से मंदिर की सफाई और संरक्षण का कार्य शुरू किया है। उनका कहना है कि इस प्राचीन मंदिर को उसकी खोई हुई भव्यता लौटाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।