पुणे न्यूज डेस्क: पुणे पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो गंभीर अपराधों में संलिप्त आरोपियों को फर्जी जमानतदारों के जरिए जमानत दिलाने का गोरखधंधा चला रहा था। इस गिरोह में कुछ वकील भी शामिल थे, जो नकली दस्तावेज तैयार कर अदालत को गुमराह करने में अहम भूमिका निभा रहे थे। वानवडी पुलिस स्टेशन की जांच टीम ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो वकील भी शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क बड़े पैमाने पर अपराधियों को फायदा पहुंचा रहा था और न्यायिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ कर रहा था।
इस रैकेट के तहत आरोपी को जमानत दिलाने के लिए फर्जी जमानतदार बनाए जाते थे। ये जमानतदार आरोपी के परिवार से आर्थिक सौदा कर नकली आधार कार्ड, राशन कार्ड और 7/12 दस्तावेज तैयार करते थे, जिन्हें अदालत में पेश कर जमानत ली जाती थी। पुलिस जांच में सामने आया कि इस गिरोह ने कई अपराधियों को इसी तरह राहत दिलाई थी। लष्कर कोर्ट परिसर में जनवरी में बिछाए गए एक जाल के जरिए पुलिस को इस रैकेट से जुड़े अहम सुराग मिले, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
अब तक की जांच में पुलिस ने आरोपियों के पास से 95 संदिग्ध राशन कार्ड, 11 आधार कार्ड, कई अन्य फर्जी दस्तावेज और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। कुल 89,020 रुपये का सामान जब्त किया गया है। पुलिस उपायुक्त (DCP) राजकुमार शिंदे ने बताया कि इस पूरे फर्जीवाड़े में वकीलों की मिलीभगत थी। वे नकली जमानतदारों के हस्ताक्षर लेकर अदालत में पेश करते और अपराधियों को जमानत दिलवाने में मदद करते। इस मामले में मुंबई और ठाणे से भी कुछ फर्जी जमानतदारों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पुणे के दो वकीलों को हिरासत में लिया गया है, जिनकी भूमिका काफी अहम मानी जा रही है।
गंभीर अपराधों में लिप्त आरोपी आमतौर पर न्यायिक हिरासत में होते हैं और जमानत के लिए किसी जमानतदार की जरूरत होती है, जो ज्यादातर उनके परिवार या परिचितों में से होता है। लेकिन इस रैकेट ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए झूठे जमानतदार खड़े कर दिए थे। इससे न केवल कानून की प्रक्रिया प्रभावित हो रही थी, बल्कि अपराधियों को बिना किसी कानूनी रोक-टोक के बाहर आने का रास्ता भी मिल रहा था। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े और लोगों की तलाश कर रही है ताकि इस अवैध गतिविधि पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।