पटना न्यूज डेस्क: सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सेंट विंसेंट पलोटी स्कूल में शुक्रवार को हुए धमाके ने सभी को चौंका दिया। परीक्षा के दौरान चौथी कक्षा की 10 वर्षीय छात्रा स्तुति मिश्रा बाथरूम गई थी, तभी वहां अचानक विस्फोट हो गया। हादसे में बच्ची गंभीर रूप से झुलस गई, जिसके बाद उसे तुरंत बर्न केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद स्कूल में अफरा-तफरी मच गई और अगले दिन अभिभावकों ने प्रदर्शन कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
पुलिस जांच में सामने आया कि इस धमाके के पीछे स्कूल के ही आठवीं कक्षा के दो छात्र और तीन छात्राएं थीं। उन्होंने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे अपनी एक शिक्षिका को निशाना बनाना चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्यवश इसमें चौथी कक्षा की छात्रा चपेट में आ गई। इन विद्यार्थियों ने ऑनलाइन ऑर्डर कर पटना से सोडियम मंगवाया था, जो विस्फोट का कारण बना। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज कर सभी को बाल न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया।
इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि पहले भी स्कूल में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रबंधन ने उन्हें दबा दिया। एक अभिभावक ने बताया कि स्कूल की पिकनिक के दौरान एक छात्र के पास से बम मिला था, लेकिन उस मामले को भी नजरअंदाज कर दिया गया। इस बार भी स्कूल प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन गंभीरता को देखते हुए पुलिस को दखल देना पड़ा।
धमाके की खबर मिलते ही पुलिस स्कूल पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज की मदद से संदिग्ध छात्र-छात्राओं की पहचान की गई और फिर उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल भी जब्त कर लिए हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कितनी मात्रा में सोडियम मंगाया गया था और इसका इस्तेमाल किस तरह से किया गया।
इस घटना ने स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विद्यार्थियों द्वारा ऑनलाइन विस्फोटक मंगवाना और इस तरह का हमला करना बेहद चिंताजनक है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और स्कूलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।