पटना न्यूज डेस्क: मोकामा टाल के बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या के बाद शुक्रवार को बाढ़ के उमानाथ घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। बेटे रंजीत ने उन्हें मुखाग्नि दी। हालांकि चिता की आग शांत हो गई, लेकिन इस घटना ने मोकामा में नई तनाव की लहर छोड़ दी। शव यात्रा के दौरान पथराव और फायरिंग की घटनाएं हुईं, जिससे माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया। चुनाव से पहले मोकामा में बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस ने बड़ी संख्या में बल की तैनाती कर दी है।
दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में पुलिस अब तक तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर चुकी है, जिनमें से हर एक अलग कहानी बयान कर रही है। तीसरी एफआईआर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि वीडियो में दिखाई दे रही घटनाएं पहले दर्ज रिपोर्टों से मेल नहीं खा रहीं, इसलिए स्वत: संज्ञान लेकर नया केस दर्ज किया गया है। जांच में सच्चाई सामने लाने के लिए पुलिस तीनों रिपोर्टों को एक साथ आधार बना रही है।
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दुलारचंद यादव खुद पत्थर चलाते नजर आ रहे हैं। सफेद गंजी और लूंगी में वे गाड़ियों की ओर ईंट फेंकते दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो पुलिस के लिए जांच का नया मोड़ बन गया है, क्योंकि सवाल उठ रहा है कि जब वे अनंत सिंह के काफिले की पीछे वाली गाड़ी में थे, तो आखिर वे किस पर हमला कर रहे थे। पुलिस को एक और 6 सेकेंड का वीडियो भी मिला है, जिसमें अनंत सिंह का भतीजा करनवीर इनोवा गाड़ी के पास नजर आ रहा है, जिस पर हमले का आरोप लगाया गया है।
पहली एफआईआर दुलारचंद यादव के पोते नीरज कुमार के बयान पर दर्ज की गई, जिसमें अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर गोली चलाने व गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया गया है। वहीं, दूसरी एफआईआर अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार की शिकायत पर दर्ज हुई, जिसमें जन सुराज प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी और उनके सहयोगियों को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। अब पुलिस इन तीनों मामलों की गहराई से जांच कर रही है ताकि घटना की सच्चाई सामने लाई जा सके।