मुंबई, 25 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को विपक्षी गठबंधन INDIA की ओर से फेयरवेल डिनर का आमंत्रण भेजा गया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उनके इस डिनर में शामिल होने की संभावना बेहद कम है। धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार ने उन्हें यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद संसद में कोई विदाई समारोह आयोजित नहीं हुआ, न ही उन्होंने कोई फेयरवेल भाषण दिया। कांग्रेस ने 24 जुलाई को उनके लिए औपचारिक विदाई की मांग की थी, मगर केंद्र सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसी बीच गुरुवार को राज्यसभा में छह सदस्यों को विदाई दी गई, लेकिन धनखड़ बतौर सभापति उपस्थित नहीं थे। धनखड़ के इस्तीफे को लेकर दो तरह की बातें सामने आई हैं। पहली यह कि उन्होंने राष्ट्रपति को भेजे त्यागपत्र में लिखा कि स्वास्थ्य प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह के चलते वह इस्तीफा दे रहे हैं। दूसरी थ्योरी विपक्ष के उस आरोप पर आधारित है जिसमें कहा गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने संबंधी नोटिस स्वीकार करने के कारण केंद्र सरकार ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। कुछ समय पहले जस्टिस वर्मा के घर से नोटों की जली हुई गड्डियां मिलने की खबरें सामने आई थीं।
हालांकि, इस्तीफे के बावजूद पूर्व उपराष्ट्रपति को सरकारी बंगले में रहने की सुविधा जारी रहेगी। केंद्रीय आवास मंत्रालय के अनुसार, धनखड़ को अब लुटियंस दिल्ली या अन्य प्रमुख क्षेत्र में टाइप VIII श्रेणी का बंगला आवंटित किया जाएगा, जिसमें आम तौर पर वरिष्ठ मंत्री या बड़े दलों के अध्यक्ष रहते हैं। पिछले साल अप्रैल में वह संसद भवन के नजदीक चर्च रोड स्थित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में शिफ्ट हुए थे, जो सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बना था। उधर, उपराष्ट्रपति पद पर रिक्ति के बाद चुनाव आयोग ने नई चुनाव प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही तारीखों की घोषणा की जाएगी। भाजपा की ओर से कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर के नामों पर विचार चल रहा है, जबकि विपक्षी INDIA ब्लॉक एक साझा उम्मीदवार उतारने की रणनीति बना रहा है। सूत्रों का कहना है कि भले ही एनडीए के पास संसद में बहुमत है, लेकिन विपक्ष इस चुनाव को सिर्फ औपचारिक मानने को तैयार नहीं है और पूरे जोश के साथ मैदान में उतरेगा। चुनाव आयोग ने निर्वाचक मंडल, रिटर्निंग ऑफिसर और प्रक्रिया से जुड़ी सभी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।