गौतम अडाणी, अडाणी ग्रुप के चेयरमैन, ने आज सोसाइटी फॉर मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी – एशिया पैसिफिक (SMISS-AP) के 5वें वार्षिक सम्मेलन में एक विचारोत्तेजक और प्रेरणादायक भाषण दिया। यह सम्मेलन स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में नवाचार (Innovation) को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है। गौतम अडाणी का संबोधन सुबह 11 बजे शुरू हुआ और इसे लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से भी देखा जा सकता है।
सम्मेलन का उद्देश्य: तकनीक और चिकित्सा का संगम
SMISS-AP सम्मेलन एक ऐसा मंच है, जहां दुनिया भर के शीर्ष न्यूरो और स्पाइन सर्जन एकत्रित होकर मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी (MIISS) की आधुनिक तकनीकों, प्रक्रियाओं और नवाचारों पर चर्चा करते हैं। इस साल के सम्मेलन में भारत, जापान, कोरिया, अमेरिका और यूरोप से सर्जन, विशेषज्ञ और टेक्नोलॉजिस्ट शामिल हुए हैं।
अडाणी का गहरा संदेश: "रीढ़ की तरह लचीला बनना ही नेतृत्व है"
सम्मेलन में गौतम अडाणी ने एक बहुत ही भावुक और गूढ़ भाषण दिया, जिसमें उन्होंने स्पाइन सर्जरी की तुलना नेतृत्व और संगठनात्मक मजबूती से की। उन्होंने कहा:
“आप जिस रीढ़ की हड्डी को ठीक करते हैं, वह मानव शरीर के लचीलेपन के लिए आवश्यक अंतिम संरचना है। उसी तरह नेतृत्व का मतलब संगठन में लचीलापन बहाल करना है।”
अडाणी ने चिकित्सा पेशेवरों के काम की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह डॉक्टर स्पाइन की सर्जरी से शरीर को दोबारा मज़बूती और स्थिरता प्रदान करते हैं, ठीक उसी तरह एक अच्छा लीडर अपने संगठन को संकट में दिशा और दृढ़ता प्रदान करता है।
16 साल की उम्र में शुरू हुआ अडाणी का सफर
गौतम अडाणी ने अपने संघर्षों और जीवन यात्रा को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि सिर्फ 16 वर्ष की उम्र में, बिना किसी डिग्री, नौकरी या प्लान बी के, उन्होंने सेकंड क्लास ट्रेन टिकट लेकर मुंबई का रुख किया था। उन्होंने कहा:
“सपने वो नहीं होते जो नींद में आते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो नींद उड़ा देते हैं।”
अडाणी ने मुंबई को अपना सबसे बड़ा शिक्षक बताया, जहां उन्होंने धैर्य, सटीकता और जुनून सीखा। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि उद्यमिता किसी ग्रैंड विज़न से नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, साहस और असफलता से डर न लगने वाली सोच से शुरू होती है।
चिकित्सा नवाचारों की झलक
सम्मेलन में दुनियाभर से आए विशेषज्ञों ने स्पाइन सर्जरी के आधुनिक तरीकों और उन्नत तकनीकों पर चर्चा की। इस दौरान कई लाइव डेमो, वर्कशॉप, और केस प्रेजेंटेशन भी हुए, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख विषयों को शामिल किया गया:
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ट्यूब्यूलर और एंडोस्कोपिक प्रोसीजर
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AI-समर्थित नेविगेशन और रोबोटिक सर्जरी
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बायोमैटेरियल इनोवेशन
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लेटरल और एंटीरियर स्पाइन अप्रोच
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स्पाइन इम्प्लांट डिजाइन और कस्टम सर्जरी मॉडलिंग
इन नवाचारों का उद्देश्य है – सर्जरी को कम दर्दनाक, कम समय लेने वाली और ज्यादा सटीक बनाना।
SMISS-AP: एक वैश्विक मंच
SMISS-AP सम्मेलन, जो एशिया पैसिफिक क्षेत्र में स्पाइन सर्जरी में इनोवेशन का सबसे बड़ा मंच बन चुका है, अब AI और रोबोटिक्स जैसी भविष्य की तकनीकों को हेल्थकेयर में शामिल करने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। भारत में इस आयोजन का होना दर्शाता है कि देश हेल्थ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है।
निष्कर्ष: नेतृत्व और नवाचार का संगम
गौतम अडाणी का यह संबोधन केवल एक उद्योगपति का वक्तव्य नहीं था, बल्कि यह एक ऐसा प्रेरणादायक संदेश था जो लीडरशिप, इनोवेशन और समर्पण की गहराई को छूता है। अडाणी का जीवन और उनके शब्द इस बात का प्रमाण हैं कि चाहे मेडिकल फील्ड हो या उद्योग जगत, रीढ़ की हड्डी जैसी स्थिरता और लचीलापन ही हर सफलता की नींव है।
SMISS-AP सम्मेलन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत न केवल चिकित्सा नवाचार में तेजी से अग्रसर है, बल्कि वैश्विक विचारों और नेतृत्व के आदान-प्रदान का भी प्रमुख केंद्र बन चुका है।