ताजा खबर

रियल एस्टेट, इक्विटी को पीछे छोड़ गोल्ड निकला आगे, 20 सालों में दिया इतना रिटर्न

Photo Source :

Posted On:Thursday, December 11, 2025

फंड्सइंडिया की एक हालिया स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि लंबे समय में कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) के मामले में सोने में निवेश ने भारत में ज्यादातर पारंपरिक निवेश विकल्पों को पीछे छोड़ दिया है। सोने ने लगातार शानदार रिटर्न देकर अपनी सुरक्षित निवेश (Safe Haven) की पहचान को मजबूत किया है।

सोने का दबदबा (20 साल का प्रदर्शन)

फंड्सइंडिया के विश्लेषण के अनुसार, 20 साल की लंबी अवधि में विभिन्न निवेश विकल्पों का प्रदर्शन इस प्रकार रहा:

निवेश विकल्प 20 साल का CAGR रिटर्न
सोना 15.0%
यूएस इक्विटी (S&P 500 TRI ₹ में) 14.8%
भारतीय इक्विटी (लार्ज कैप) 13.5%
रियल एस्टेट 7.8%
डेट 7.6%

जहां भारतीय इक्विटी ने 13.5% का कंपाउंड वार्षिक रिटर्न दिया, वहीं सोने ने इसे पछाड़ते हुए 15% की बढ़ोतरी दर्ज की। रियल एस्टेट और डेट (बॉन्ड/फिक्स्ड इनकम) इस रेस में काफी पीछे रहे।

5 साल की छोटी अवधि में भी सोने का कमाल

सोने का शानदार प्रदर्शन केवल लंबी अवधि तक ही सीमित नहीं रहा। फंड्सइंडिया की रिपोर्ट बताती है कि 5 साल की छोटी अवधि में भी सोने ने सभी को मात दी:

  • सोना: 23.2% CAGR

  • अमेरिकी इक्विटी: 19.6% CAGR

  • भारतीय इक्विटी: 16.5% CAGR

सोने की कीमतों में तेजी के कारण

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक जी चोक्कलिंगम के अनुसार, सोने की मांग और कीमतें बढ़ने के कई मुख्य कारण हैं:

  1. सेंट्रल बैंकों की खरीदारी: दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीदारी ने कीमतों को ऊपर रखा है।

  2. वैश्विक तनाव: दुनिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच सोने का सुरक्षित निवेश का आकर्षण कभी कम नहीं हुआ है।

  3. रुपये का कमजोर होना: रुपये के कमजोर होने से भी घरेलू बाजार में सोने की कीमतें बढ़ती हैं।

यूके स्थित द गोल्ड बुलियन कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर रिक कांडा का मानना है कि सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी की गुंजाइश है। उनका अनुमान है कि 2026 के अंत तक, सोना $5,000 प्रति ट्रॉय औंस तक जा सकता है, जिसमें सेंट्रल बैंकों की खरीदारी अहम भूमिका निभाएगी।

मिड और स्मॉलकैप का बेहतरीन प्रदर्शन

घरेलू इक्विटी सेगमेंट में लार्ज कैप (निफ्टी 100 TRI, 13.8%) से बेहतर प्रदर्शन मिड और स्मॉल-कैप ने किया:

  • निफ्टी मिडकैप 150 TRI: 16.5% CAGR

  • निफ्टी स्मॉलकैप 250 TRI: 14.3% CAGR

चोक्कलिंगम ने बताया कि पिछले 10 सालों में भारतीय निवेशकों ने जल्दी कमाई के लिए मिड- और स्मॉल-कैप सेगमेंट को प्राथमिकता दी है। 10 साल पहले खुदरा निवेशकों की संख्या लगभग 6.65 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 20 करोड़ से ज्यादा हो गई है। आर्थिक विकास ने भी इन कंपनियों को अपने लार्ज-कैप साथियों से बेहतर प्रदर्शन करने में मदद की है।

क्या आप चाहेंगे कि मैं आपको वर्तमान में सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के


पटना और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Patnavocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.