जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में हमारे बहादुर जवान शहीद हुए, और इसके तुरंत बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल मिसाइल हमले किए। इन हमलों में बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की खबर है। यह भारत की ओर से एक स्पष्ट संदेश था कि आतंक के खिलाफ अब 'जीरो टॉलरेंस' की नीति लागू हो चुकी है।
लेकिन भारत की इस निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। वह न सिर्फ कूटनीतिक मंचों पर खुद को निर्दोष बताने की कोशिश कर रहा है, बल्कि सोशल मीडिया पर झूठे दावे और फेक वीडियो फैलाकर अपनी जनता को भ्रमित करने का प्रयास भी कर रहा है। आइए, जानते हैं कि पाकिस्तान ने क्या झूठ फैलाया और सच्चाई क्या है।
क्या-क्या झूठ फैला रहा है पाकिस्तान?
भारत के हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर तीन प्रमुख झूठे दावे वायरल हुए:
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भारतीय ब्रिगेड मुख्यालय को नष्ट करने का दावा:
पाकिस्तानी यूजर्स का दावा है कि उन्होंने भारतीय सेना के एक ब्रिगेड हेडक्वार्टर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
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राफेल विमान गिराने की बात:
एक और दावा यह है कि पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान को मार गिराया है।
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श्रीनगर एयरबेस पर हमला:
तीसरा दावा ये किया गया कि पाकिस्तान ने श्रीनगर स्थित भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर सफलतापूर्वक हमला किया है।
इन सभी दावों का मकसद सिर्फ एक है – पाकिस्तानी जनता को यह दिखाना कि उन्होंने भारत को जवाब दिया, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।
फैक्ट चेक: असलियत क्या है?
भारतीय सरकार की आधिकारिक संस्था PIB (Press Information Bureau) और रक्षा मंत्रालय ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है। PIB की ओर से किए गए फैक्ट चेक में साफ कहा गया है कि यह सभी दावे 100% फर्जी और भ्रामक हैं।
👉 ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला?
पीआईबी ने स्पष्ट किया कि भारत के किसी भी ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर कोई भी हमला नहीं हुआ है। यह दावा पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है, जिसका कोई भी भौतिक या सामरिक प्रमाण नहीं है।
👉 श्रीनगर एयरबेस पर हमला?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के बारे में पीआईबी ने बताया कि यह वीडियो भारत का है ही नहीं। यह वास्तव में 2024 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुई सांप्रदायिक झड़पों का वीडियो है जिसे भारत पर हुए कथित हमले के रूप में पेश किया जा रहा है।
👉 राफेल विमान गिराया?
अब तक भारतीय वायुसेना या रक्षा मंत्रालय की ओर से ऐसी कोई भी पुष्टि नहीं की गई है कि राफेल विमान को नुकसान पहुंचा है। यह दावा भी पूरी तरह फर्जी और बिना आधार का है। यदि ऐसा कोई हादसा हुआ होता तो भारत सरकार इसकी आधिकारिक पुष्टि करती, जैसा कि वह पूर्व में बालाकोट स्ट्राइक या विंग कमांडर अभिनंदन की घटना में कर चुकी है।
पाकिस्तान की चाल: जनता को गुमराह करने की साजिश
पाकिस्तान की सरकार और उसकी सेना अक्सर जनता को झूठे दावों के जरिए देशभक्ति का नशा देने का काम करती है, ताकि वास्तविक सवालों – जैसे महंगाई, बेरोजगारी, आंतरिक आतंकवाद और विदेशी कर्ज – से ध्यान भटका सके। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ झूठा युद्ध प्रचार किया है।
2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान ने झूठे वीडियो जारी कर कहा था कि उसने दो भारतीय लड़ाकू विमान गिराए हैं, जबकि बाद में यह साबित हो गया कि सच्चाई केवल विंग कमांडर अभिनंदन से जुड़ी थी।
भारत की कार्रवाई: कड़ा संदेश
भारत की ओर से की गई मिसाइल स्ट्राइक यह दिखाती है कि अब आतंकवादियों को उनके गढ़ में घुसकर मारा जाएगा। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में कम से कम 9 आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया और इनमें से कई पूरी तरह तबाह हो गए। इस हमले में कई वांछित आतंकी और प्रशिक्षक मारे गए हैं। इससे स्पष्ट है कि भारत अब रक्षा नहीं, प्रतिकार की नीति पर चल रहा है।
निष्कर्ष: सच बनाम झूठ
जहां एक ओर भारत ने ठोस सैन्य कार्रवाई कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है, वहीं पाकिस्तान ने फिर वही पुराना खेल खेला है – झूठ, भ्रम और गलत प्रचार। लेकिन इस बार भारत की जनता ही नहीं, वैश्विक मंच भी पाकिस्तान की इन हरकतों को पहचानने और नकारने लगा है।
अब समय है कि पाकिस्तान को भी अपनी जनता से सच बोलना शुरू करना चाहिए – और आतंक को समर्थन देना बंद करना चाहिए, वरना अगली बार जवाब और भी कठोर हो सकता है।