ताजा खबर

Employee ने टॉयलेट पेपर पर लिखा इस्तीफा, पढ़कर लोगों की आंखें हुईं नम

Photo Source :

Posted On:Wednesday, April 16, 2025

क्या आपने कभी सोचा है कि कोई टॉयलेट पेपर पर इस्तीफा क्यों लिखेगा? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन सिंगापुर में एक कर्मचारी ने ठीक यही किया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुई और लाखों लोगों के दिल को छू गई। ये सिर्फ एक इस्तीफा नहीं था, बल्कि एक गहरी भावनात्मक पीड़ा का प्रतीक था—जो आज के समय में बहुत से कर्मचारियों की सच्चाई को बयां करता है।

“मैं टॉयलेट पेपर की तरह हूं”

कर्मचारी ने टॉयलेट पेपर पर लिखा:

“मैं खुद को टॉयलेट पेपर जैसा महसूस करता हूं। जब जरूरत पड़ी, तब तो काम लिया और फिर फेंक दिया।”

यह वाक्य कोई साधारण शब्द नहीं थे। इसमें छिपा था वो दर्द, जो तब महसूस होता है जब किसी कर्मचारी को उसकी मेहनत के बावजूद सम्मान और मान्यता नहीं मिलती। उस व्यक्ति को लगा कि उसका केवल उपयोग किया गया और फिर उसे बेपरवाह ढंग से छोड़ दिया गया।

सोशल मीडिया पर भावनात्मक प्रतिक्रिया

जैसे ही यह इस्तीफा इंटरनेट पर आया, लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ीं। कई यूज़र्स ने इसे अपने अनुभव से जोड़ा। किसी ने कहा, “ऐसा लगता है जैसे यह इस्तीफा मेरे दिल से निकला हो।”

बहुत से लोगों ने कॉरपोरेट दुनिया की कठोरता पर सवाल उठाए—क्या आज भी कर्मचारियों को इंसान समझा जाता है या वे सिर्फ नतीजे लाने वाली मशीनें बनकर रह गए हैं?बिजनेसवुमन एंजेला योह का अहम सवाल

इस इस्तीफे को शेयर करते हुए सिंगापुर की बिजनेसवुमन एंजेला योह ने पूछा:

“क्या हम अपने कर्मचारियों को केवल उनके काम के आधार पर आंकते हैं, या उनकी पहचान और भावना को भी समझते हैं?”

उनका सवाल एक तरह का आईना बन गया, जो आज की कई कंपनियों को दिखा रहा है कि शायद वे अपने कर्मचारियों की इमोशनल वैल्यू को नजरअंदाज कर रही हैं।

सम्मान के साथ विदाई क्यों जरूरी है?

एंजेला ने एक और बात कही जो हर मैनेजर और लीडर के लिए अहम है:

“कर्मचारियों को इस तरह से सम्मान दें कि जब वे कंपनी छोड़ें, तो नफरत नहीं, बल्कि शुक्रिया के साथ जाएं।”

यही किसी कंपनी की असली संस्कृति होती है—जहां कर्मचारी जाते समय भी संस्था की इज्जत करते हैं, न कि कड़वाहट के साथ विदा लेते हैं।

सिस्टम में बदलाव की जरूरत

इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया है कि कर्मचारी सिर्फ तनख्वाह के लिए नहीं, बल्कि सम्मान, सहयोग और इंसानियत की उम्मीद में काम करते हैं। अगर कार्यस्थल में उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जाएगा, तो न केवल उनका मनोबल टूटेगा, बल्कि कंपनी की छवि और प्रदर्शन पर भी असर पड़ेगा।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

  • एक यूजर ने लिखा, “ऑफिस का माहौल इतना टॉक्सिक हो गया है कि इंसान खुद को बोझ समझने लगता है।”

  • दूसरे ने कहा, “हर लीडर को ये इस्तीफा फ्रेम करवाकर अपने ऑफिस में लगाना चाहिए, ताकि उन्हें याद रहे कि लोग रोबोट नहीं होते।”

निष्कर्ष

टॉयलेट पेपर पर लिखा गया यह इस्तीफा एक प्रतीक बन गया है – सम्मान की कमी का, संवेदनाओं के अनदेखे जाने का, और एक इंसान की चुप आह का। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम आज अपने साथियों, सहकर्मियों और कर्मचारियों को वह इज्जत दे पा रहे हैं, जिसके वे हकदार हैं?

क्योंकि काम सिर्फ डेडलाइन से नहीं, दिल से भी जुड़ा होता है


पटना और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Patnavocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.