पटना न्यूज डेस्क: पटना में पिछले 20 दिनों से चल रहा अतिक्रमण हटाने का अभियान गुरुवार को फिर तेज़ नजर आया। इस बार जिला प्रशासन ने एकसाथ दो बड़े इलाकों—पटना सिटी के चौक थाना क्षेत्र की सब्ज़ी मंडी और अगमकुआं थाना क्षेत्र के मीत बाज़ार व मछली मार्केट—में कार्रवाई की। कई दुकानदारों ने खुद सामान समेटकर बचाने की कोशिश की, लेकिन टीम ने मौके पर ही बुलडोज़र लगाकर अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। अचानक हुई इस कार्रवाई से बाजारों में हड़कंप और विरोध की स्थिति बन गई।
नगर निगम और प्रशासन की संयुक्त टीम सबसे पहले पटना सिटी सब्ज़ी मंडी पहुंची। सड़क किनारे लगी रेहड़ियां, ठेले और फुटपाथ पर बनी दुकानें हटाई गईं। अधिकारियों ने बताया कि दुकानदारों को पहले ही चेतावनी दी गई थी, लेकिन निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इसके बाद कार्रवाई अगमकुआं स्थित मीत बाज़ार और मछली मार्केट में की गई, जहां दुकानदार अपनी दुकानें गिरते देख असहाय नजर आए। भारी पुलिस बल और मशीनों की मौजूदगी से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
मछली बाज़ार में कार्रवाई के दौरान कई दुकानदार फूट-फूटकर रो पड़े। एक पुरुष दुकानदार ने गुस्से में कहा कि उनकी दुकान ही उनके परिवार का एकमात्र सहारा थी, जिसे बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के तोड़ दिया गया। एक महिला दुकानदार ने सवाल उठाया कि सरकार पहले गरीबों के लिए सुरक्षित जगह तय क्यों नहीं करती। उनका कहना था कि अचानक दुकानें तोड़ देने से परिवारों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है और ऐसे हालात में लोग मजबूरी में गलत रास्ते पर भी जा सकते हैं।
अधिकारियों ने साफ कहा कि शहर को व्यवस्थित रखने के लिए यह अभियान आवश्यक है। नगर निगम के राजस्व पदाधिकारी रवि भूषण प्रसाद ने बताया कि 31 दिसंबर तक अभियान निरंतर जारी रहेगा। वहीं अंचलाधिकारी चंदन कुमार ने कहा कि दो दिन पहले नोटिस देकर दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने को कहा गया था, लेकिन कई ने जगह खाली नहीं की, जिसके बाद कार्रवाई करनी पड़ी।