मुंबई, 19 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) केरल की एक युवा शोधार्थी शिल्पा मैथ्यू (Silpa Mathew) ने अपने जुनून और वैज्ञानिक अनुसंधान के दम पर एक अविश्वसनीय सफर तय किया है। दक्षिण भारत के गर्म मौसम से निकलकर, वह अपनी PhD के हिस्से के रूप में आर्कटिक महासागर (Arctic Ocean) के जमा देने वाले ठंडे पानी में यात्रा कर रही हैं, और इसी दौरान उनका वर्षों पुराना सपना साकार हुआ— ऑरोरा बोरेलिस (Aurora Borealis) यानी उत्तरी ध्रुवीय रोशनी को देखना। सियोल (दक्षिण कोरिया) की सेजोंग यूनिवर्सिटी में PhD कर रहीं 29 वर्षीय शिल्पा ने 2020 में ऑरोरा की तस्वीरें देखकर पहली बार इसे देखने का सपना देखा था। तीन साल बाद, उनका यह सपना न केवल पूरा हुआ, बल्कि वह अब तक छह बार इस अद्भुत प्राकृतिक नज़ारे को देख चुकी हैं।
विज्ञान के साथ रोमांचक सफर
शिल्पा आर्कटिक समुद्री वातावरण में घुले हुए कार्बनिक पदार्थ (Dissolved Organic Matter - DOM) की आणविक विविधता और स्रोतों पर शोध कर रही हैं। उनका शोध कोरियाई-नेतृत्व वाले आर्कटिक अभियान का हिस्सा है।
अपनी PhD यात्रा के तहत, उन्होंने ईस्ट साइबेरियन सी से लेकर मध्य आर्कटिक महासागर और हाल ही में ब्यूफोर्ट सी तक तीन अभियान पूरे किए हैं। हर यात्रा अलास्का से शुरू होती है, जहां से टीम एक जहाज़ पर सवार होकर तीन से चार हफ्तों की समुद्री यात्रा पर निकलती है।
समुद्र में चुनौतियां और ख़ूबसूरत लम्हें
शिल्पा के लिए यह सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने बताया कि उन्हें समुद्री बीमारी (Seasickness) ने बहुत परेशान किया, जिसके चलते वह कई दिनों तक कुछ खा नहीं पाईं और दवाओं पर निर्भर रहना पड़ा। नमूने (samples) जमा करने का कोई निश्चित समय नहीं था; यह पूरी तरह समुद्र और जहाज़ की दिशा पर निर्भर करता था। कई बार बीमार होने पर भी उन्हें रात में नमूने लेने के लिए उठना पड़ता था।
इन चुनौतियों के बावजूद, शिल्पा ने इस ध्रुवीय क्षेत्र की सुंदरता को पूरी तरह अनुभव किया। उन्होंने बर्फीले पानी पर डूबते सूरज, पोलर बियर जैसे वन्यजीवों को देखा, और यात्रा के दौरान अपनी इस अनूठी दुनिया के वीडियो और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा कीं, जो तेज़ी से वायरल हो गईं।
केरल में 26 साल बिताने वाली शिल्पा के लिए आर्कटिक का बर्फीला परिदृश्य एक बिलकुल नई दुनिया है। हालांकि इंटरनेट की सुविधा बहुत कम थी और परिवार को शुरू में चिंता हुई, लेकिन अब उन्हें भरोसा है कि शिल्पा सुरक्षित हैं और अपने वैज्ञानिक मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर रही हैं।