उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निगोहां थाना क्षेत्र के रदाखिना गांव में जमीन विवाद के चलते एक किसान की निर्मम हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. शिवप्रकाश (50) नामक किसान को करीब 25 दिन पहले घर से अगवा कर लिया गया था. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि बड़े भाई और जमीन के दलालों ने मिलकर शिवप्रकाश की गला दबाकर हत्या कर दी और सबूत मिटाने के इरादे से शव को उन्नाव ले जाकर पेट्रोल डालकर जला दिया.
पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें मुख्य साजिशकर्ता और जमीन दलाल सुजीत श्रीवास्तव (नगराम) भी शामिल है. एडीसीपी साउथ रालापल्ली बसंत कुमार ने बताया कि आरोपियों ने पकड़े जाने से बचने के लिए पूरे रास्ते सीसीटीवी फुटेज से बचने के लिए सर्विस लेन का इस्तेमाल किया था.
करोड़ों की जमीन थी विवाद की जड़
यह पूरा मामला करोड़ों रुपये की पैतृक जमीन के लालच से जुड़ा हुआ है. शिवप्रकाश के पिता की मृत्यु के बाद, उनकी मां ने अपनी जमीन की वसीयत छोटे बेटे शिवप्रकाश के नाम कर दी थी. यह जमीन एक बड़ी प्राइवेट प्लॉटिंग कंपनी के प्रोजेक्ट में शामिल थी, जिसकी बाजार कीमत कई करोड़ रुपए थी.
शिवप्रकाश के बड़े भाई ने पहले तो अपना हिस्सा बेच दिया. इसके बाद, उन्होंने मां को अपने पास ले जाकर उनसे जबरन पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाई और दलालों के माध्यम से मां के हिस्से की जमीन भी बेच दी.
कोर्ट केस बना हत्या का कारण
जब शिवप्रकाश को इस धोखाधड़ी के बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत कोर्ट में केस कर दिया और लगातार उसकी पैरवी करने लगे. केस के चलते प्लॉटिंग कंपनी पर दबाव बन गया. कंपनी ने दलालों पर दबाव बनाया कि वे जल्द से जल्द जमीन के दस्तावेज ठीक कराएं, अन्यथा उन्हें पैसा वापस करना पड़ेगा.
इससे नाराज होकर मुख्य दलाल सुजीत श्रीवास्तव और उसके साथियों ने शिवप्रकाश को लगातार धमकियां देनी शुरू कर दीं कि वह केस वापस ले ले, नहीं तो उसे जान से मार देंगे. जब शिवप्रकाश नहीं माना, तो 14 नवंबर को उसे घर से अगवा कर लिया गया.
गला दबाया, फिर उन्नाव ले जाकर शव जलाया
पुलिस की पूछताछ के अनुसार, आरोपियों ने शिवप्रकाश को जबरन कार में डाला और उसे लखनऊ से रायबरेली की ओर ले गए. चलती गाड़ी में ही गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई.
हत्या के बाद, शव को ठिकाने लगाने के लिए आरोपी उसे उन्नाव के बीघापुर क्षेत्र में ले गए. वहाँ उन्होंने शव पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और अधजले शव को हाईवे किनारे फेंक दिया. 18 नवंबर को पुलिस को यह अधजला शव मिला, जिसकी शिनाख्त बाद में परिजनों ने शिवप्रकाश के रूप में की थी.