पटना न्यूज डेस्क: पटना के चर्चित पारस अस्पताल गोलीकांड में बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। गृह मंत्री सम्राट चौधरी के निर्देश के बाद पुलिस की मजबूत जांच और पुख्ता सबूतों के आधार पर कोर्ट ने इस मामले को स्पीडी ट्रायल में भेजने का फैसला किया है। एसीजेएम कोर्ट ने पांच बड़े आरोपियों से जुड़ी केस फाइलें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सौंप दी हैं, ताकि सुनवाई तेज़ी से हो सके।
यह मामला 17 जुलाई का है, जब चंदन मिश्रा अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे थे और उन्हीं क्षणों में हमलावर अस्पताल के अंदर घुसकर उन्हें नज़दीक से गोली मारकर भाग निकले। उस समय यह घटना पूरे राज्य में चर्चा का बड़ा कारण बनी थी। पुलिस ने शुरुआत से ही तकनीकी जांच पर जोर दिया और कई महत्वपूर्ण सुराग इकट्ठा किए।
लोक अभियोजक राजेश कुमार के अनुसार, पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और एफएसएल रिपोर्ट जैसी ठोस चीजें जुटाई हैं। इन सबके आधार पर तौसीफ राजा, विजयकांत पांडेय, सदमान हसन खान, हर्ष कुमार और भीम कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इन सबके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। वहीं, मुख्य साज़िशकर्ता शेरू सिंह उर्फ ओंकारनाथ सिंह अब भी इस पूरे कांड का बड़ा किरदार माना जा रहा है और उसके साथ आठ लोगों की भूमिका पर भी जांच जारी है।
सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं होगी। स्पीडी ट्रायल शुरू होने से पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। सरकार और पुलिस की सक्रियता यह दिखाती है कि अब बिहार में संगीन अपराधों पर कड़ा रुख अपनाया जा रहा है और अपराधियों को सजा दिलाने की कोशिश तेज हो गई है।