मुंबई, 15 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। 'ऑपरेशन सिंदूर' में शामिल अधिकारियों को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। कर्नल सोफिया कुरैशी के बाद अब भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव की विवादित टिप्पणी सामने आई है। रामगोपाल यादव ने गुरुवार को मुरादाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विंग कमांडर व्योमिका सिंह के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि व्योमिका हरियाणा की जाटव हैं, लेकिन भाजपा ने उन्हें राजपूत समझकर उन पर कोई टिप्पणी नहीं की, जबकि मुसलमान होने के चलते भाजपा के एक मंत्री ने कर्नल सोफिया को अपशब्द कहे।
तो वहीं, प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा, अभी हमने देखा कि 2 दिन तक पाकिस्तान से युद्ध चला, फिर किसी ने धमकाकर युद्ध रुकवा दिया। शांति की तुलना युद्ध से नहीं की जा सकती, लेकिन दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिए, ऐसा शास्त्र कहते हैं। अभी तक जब भी पाकिस्तान से भारत का युद्ध हुआ है, इसमें भारत ही जीता है। लेकिन, कभी राजनीतिक नेतृत्व ने इसका श्रेय लेने की कोशिश नहीं की। पहला मौका है, जब देश का मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व सेना के श्रेय को हड़पना चाहता है। जब सीज फायर हुआ ताे सबके दिमाग में था कि अब आतंकी हमले नहीं होंगे। लेकिन, जम्मू कश्मीर में सेना रोज आतंकवादियों को मार रही है। इसका मतलब है कि अभी भी रोजाना आतंकी सरहद के उस पार से इधर आ रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा देश में तिरंगा यात्रा निकाल रही है।भाजपा तो केवल चुनाव के लिए काम करती है। प्रोफेसर ने पूछा, क्या भाजपा के नेता और कार्यकर्ता बॉर्डर पर युद्ध लड़ने गए थे, क्या भाजपा नेताओं के बच्चे युद्ध लड़ने बॉर्डर पर गए थे? सांसद रामगोपाल ने कहा, अगर ऐसा नहीं है तो फिर सिर्फ एक पार्टी इसका श्रेय लेने की कोशिश क्यों कर रही है। सरकार सभी पार्टियों को विश्वास में लेकर तिरंगा यात्रा निकालती। कर्नल सोफिया कुरैशी को इनके मंत्री ने गालियां दीं। हाईकोर्ट को इनके खिलाफ FIR के आदेश करने पड़े।
वहीं, रामगोपाल के बयान पर CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, सेना की वर्दी 'जातिवादी चश्मे' से नहीं देखी जाती है। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक 'राष्ट्रधर्म' निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है। यह वही मानसिकता है, जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है। इस विकृत जातिवादी सोच को जनता फिर जवाब देगी। वहीं, डिप्टी CM केशव मौर्य ने कहा, जाति व धर्म से परे होती है सेना। सेना का एक ही धर्म होता है 'देश की रक्षा'। इसलिए सेना में जाति व धर्म देखना 'ओछी मानसिकता' है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में भी महिला सशक्तिकरण पर ख़ासा ज़ोर दिया है। सबको उन पर भरोसा करना चाहिए।