मुंबई, 15 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। टेस्ला चीफ इलॉन मस्क और बिजनेसमैन विवेक रामास्वामी ने अमेरिका सरकार के नए DoGE (डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशिएंसी) डिपार्टमेंट के लिए भर्ती निकाली है। इसकी जानकारी सोशल मीडिया X पर दी गई है। DoGE के ऑफिशियल X हैंडल से हुए पोस्ट में लिखा है कि डिपार्टमेंट को 'पार्ट टाइम आइडिया जनरेटर' की जरूरत नहीं है। वे सुपर हाई IQ वाले लोगों को तलाश रहे हैं। वे ऐसे लोगों की तलाश कर रहे हैं जो हफ्ते में 80 घंटे से ज्यादा काम कर सकें। अगर किसी में ये खूबिया हैं तो वह DoGE के मैसेज में अपना रिज्यूम भेज सकता है। हालांकि केवल वही लोग DoGE को मैसेज भेज सकते हैं जिनके पास X का वेरीफाइड अकाउंट है। अमेरिका में इसकी कीमत 8 डॉलर (675 रुपए) हर महीने है। CV भेजने वालों में से 1% टॉप उम्मीदवारों का रिव्यू मस्क और विवेक रामास्वामी करेंगे। पोस्ट में यह नहीं बताया गया है कि DoGE में नौकरी के लिए आवेदक के पास क्या अनुभव होना चाहिए। हालांकि इसके साथ ही मस्क ने ये भी कहा है कि इस काम के लिए कोई वेतन नहीं दिया जाएगा।
मस्क ने लिखा, इस काम में कोई वेतन नहीं मिलेगा। यह एक उबाऊ काम होगा, जिसमें आपके बहुत से दुश्मन बन जाएंगे। और इसके लिए पैसे भी नहीं मिलेंगे। मस्क ने कहा कि इन अनपेड पोजिशन से ‘अमेरिका को काफी मदद मिलेगी'। विवेक रामास्वामी ने कहा कि ये नौकरी, सरकारी नौकरी जैसी नहीं है जिसमें लोग बहुत कम या फिर काम ही नहीं करते। इसमें लोग भ्रष्ट तरीके से पैसा भी नहीं बना पाएंगे। डोनाल्ड ट्रम्प ने दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद सरकारी नौकरशाही को खत्म करने और सरकार के पैसे बचाने के लिए इस विभाग की शुरुआत की है। ट्रम्प ने कहा कि DoGE डिपार्टमेंट 4 जुलाई 2026 तक काम करेगा। इस नई व्यवस्था से सरकारी पैसे की बर्बादी करने वालों में हड़कंप मच जाएगा।
ट्रम्प ने सितंबर की शुरुआत में DoGE के गठन का प्रस्ताव रखा था। इससे पहले उन्होंने अगस्त में कहा था कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं तो मस्क को कैबिनेट में पद या फिर अपने प्रशासन में सलाहकार की भूमिका सौंपने पर विचार करेंगे। मस्क ने सोशल मीडिया पर इस प्रोजेक्ट को ‘अमेरिका का आखिरी मौका’ बताया है। उन्होंने दावा किया कि इसके बिना देश दिवालिया हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि न्यूयॉर्क मेट्रोपोलिटन ने फायर अलार्म के लिए साढ़े 6 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। मस्क ने ये भी आरोप लगाया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज ने ‘ट्रांसजेंडर बंदरों में HIV की रिसर्च करने के लिए’ 4 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिए। यह फिजूलखर्ची है। मस्क ने कहा कि सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए DoGE के कामकाज को ऑनलाइन पोस्ट किया जाएगा। जनता के टैक्स के पैसे किन मूर्खतापूर्ण योजनाओं पर खर्च हो रहे हैं, इसकी जानकारी अलग से दी जाएगी। मस्क ने DoGE को लेकर कहा था कि वे नए विभाग के जरिए सरकारी खर्च में कम से कम 2 ट्रिलियन डॉलर (168 लाख करोड़) की कटौती कर पाएंगे। हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसे असंभव बता रहे हैं। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, मस्क डिफेंस बजट या फिर सोशल सिक्योरिटी जैसे जरूरी प्रोग्राम में कटौती करते हैं, तभी वे ऐसा कर पाएंगे।