प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मॉरीशस पहुंच गए हैं। पोर्ट लुईस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का भव्य और गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और वहां के वरिष्ठ अधिकारियों ने पारंपरिक तरीके से मोदी का अभिनंदन किया।
दो दिवसीय यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और मॉरीशस के द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। रवाना होने से पहले जारी बयान में पीएम मोदी ने कहा था, "मॉरीशस यात्रा हमारे दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का अवसर है।" यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के "पड़ोसी पहले" नीति और "सागर" (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण का हिस्सा है। भारत हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से मॉरीशस के साथ सहयोग बढ़ा रहा है।
राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस अवसर पर भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत और भारतीय रक्षा बलों की टुकड़ी परेड में भाग लेगी। यह भारत और मॉरीशस के बीच रक्षा सहयोग को दर्शाता है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी को इस समारोह में विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता और रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करने वाला यह क्षण ऐतिहासिक माना जा रहा है।
भारत-मॉरीशस संबंधों की रणनीतिक अहमियत
मॉरीशस को "लघु भारत" कहा जाता है क्योंकि यहां की लगभग 70% आबादी भारतीय मूल की है। भारतीय संस्कृति, भाषा और परंपराएं मॉरीशस के सामाजिक ताने-बाने में गहराई से रची-बसी हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ रहा है। भारत मॉरीशस का सबसे बड़ा व्यापारिक और विकास साझेदार है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ब्लू इकॉनमी, समुद्री सुरक्षा, डिजिटल अर्थव्यवस्था और कौशल विकास से जुड़े कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
हिंद महासागर में भारत की भूमिका होगी और मजबूत
मॉरीशस हिंद महासागर में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान रखता है। चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत अपनी समुद्री उपस्थिति को और प्रभावशाली बनाना चाहता है। इस संदर्भ में पीएम मोदी की यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। भारत-मॉरीशस रक्षा सहयोग से हिंद महासागर में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
आगे की राह
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया जा रहा है। दोनों देशों के बीच संबंधों में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है। रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मोर्चों पर यह साझेदारी हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूती देगी।