मुंबई, 01 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राम मंदिर के दरवाजों पर सोना लगाए जाने की शुरुआत हो गई है। अब फर्स्ट फ्लोर के 6 दरवाजों पर 18Kg सोना लगाया जा रहा है। हर दरवाजे पर 3 किलो सोना लगाया जाएगा। मुख्य कलश और राम दरबार के सिंहासन पर भी सोना लगाया जाएगा। इस पर 3 से 4kg सोना मढ़ा जाएगा। आपको बता दें, करीब एक साल पहले राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के 14 दरवाजों पर सोना लगाया गया था। हर दरवाजे पर करीब 3 किलो सोना लगा। जून में श्रीराम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, ट्रस्ट 3 दिन तक उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें क्या होगा? इसका शेड्यूल ट्रस्ट ने जारी नहीं किया है। फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार की प्रतिमाएं आ चुकी हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि राम और सीता सिंहासन पर विराजमान होंगे। लक्ष्मण और शत्रुघ्न पंखा डोलाते हुए दिखेंगे। हनुमानजी और भरत की प्रतिमाएं चरणों में बैठे हुए होंगी। इन मूर्तियों को जयपुर में शिल्पकार सत्यनारायण पांडे ने तैयार किया है। इनको बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है। जबकि परकोटे में 6 मंदिर बन रहे हैं। इनमें भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित होंगी। जून में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तिथि तय की जा रही है।
आपको बता दें, राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर कुल 6 दरवाजे लगाए जा रहे हैं। इसे महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लाई गई सागौन लकड़ी से बनाया गया है। इस पर पहले तांबा की परत चढ़ाई गई। अब सोने की परत लगाई गई है। इन दरवाजों पर दो हाथी कमल के पुष्प पर जल की वर्षा करते दिख रहे हैं। दरवाजे के दोनों ओर जय विजय के प्रतीक बने हुए हैं। फर्स्ट फ्लोर पर दरवाजे लगाने की शुरुआत की गई। राम मंदिर के 4 फीट के कलश पर सोना लगाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अगले 3 दिनों में यह काम पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, इससे पहले वैशाख तृतीया पर मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया। जिससे मंदिर की कुल ऊंचाई अब 203 फुट हो गई है।
वहीं, महासचिव चंपत राय ने बताया कि ध्वज दंड को एल एंड टी और टीसीएस की इंजीनियरिंग टीम ने ट्रॉली और दो टावर क्रेन की मदद से 161 फुट ऊंचे शिखर तक पहुंचाकर स्थापित किया। सुबह 6.30 बजे से 8 बजे तक इसे लगाया गया। ध्वज दंड का निर्माण गुजरात की भरत भाई कंपनी ने विशेष डिजाइन के साथ किया है, जोकि मंदिर की पवित्रता और भव्यता के अनुरूप है। साथ ही, ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण 2020 में शुरू हुआ था। गर्भगृह का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है, जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन शुरू हो चुके थे। अब मुख्य शिखर पर ध्वज दंड की स्थापना के साथ गर्भगृह का ऊपरी हिस्सा भी पूरा हो गया है। वहीं, डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर परिसर में सप्त ऋषियों के सात मंदिर और परकोटा के छह देवी-देवताओं के मंदिरों का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। सप्त ऋषि मंदिरों में मूर्तियां स्थापित की जा चुकी हैं। जबकि परकोटा के मंदिरों में चार शिखर कलश लग चुके हैं। डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि 15 मई 2025 तक पूरे मंदिर परिसर का निर्माण कार्य और मूर्तियों की स्थापना पूरी कर ली जाएगी।