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NASA के लिए बुरी खबर! 12 साल से मंगल पर मौजूद MAVEN से टूटा संपर्क, अब आगे क्या होगा?

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Posted On:Friday, December 12, 2025

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के लिए मंगल ग्रह से एक बुरी खबर आई है. नासा ने एक ऐसे अंतरिक्ष यान से संपर्क खो दिया है जो एक दशक से अधिक समय से लाल ग्रह (Mars) की कक्षा में सक्रिय था. जिस यान से नासा का अचानक संपर्क टूटा है, उसका नाम है मावेन (MAVEN).

मावेन (Mars Atmosphere and Volatile Evolution) ने 6 दिसंबर को अचानक पृथ्वी पर मौजूद ग्राउंड स्टेशनों से संपर्क करना बंद कर दिया. नासा ने इस हफ्ते कहा कि लाल ग्रह के पीछे जाने से पहले तक यह बिल्कुल ठीक काम कर रहा था. लेकिन, जब यह मंगल के पीछे से वापस निकला, तो पूरी तरह सन्नाटा था. अब यह किसी तरह का सिग्नल नहीं दे रहा है.

2013 में हुआ था लॉन्च

मावेन को सितंबर 2014 में मंगल की कक्षा में स्थापित किया गया था, हालांकि इसे 2013 में पृथ्वी से लॉन्च किया गया था. तब से लेकर अब तक यह लगातार काम कर रहा था, लेकिन अब अचानक संपर्क टूट गया. वर्तमान में मंगल पर सक्रिय 7 ऑर्बिटर्स (Orbiter) में से यह एक महत्वपूर्ण यान था.

मावेन मिशन का मुख्य उद्देश्य

इस मिशन का मुख्य काम मंगल के ऊपरी वायुमंडल (Upper Atmosphere) और आयनमंडल (Ionosphere) की स्टडी करना है.

  • मावेन इस बात की जांच करता है कि सूरज से आने वाली सौर हवाएं (Solar Wind) मंगल के वातावरण पर क्या असर डालती हैं.

  • 10 साल से ज्यादा समय से मंगल ग्रह के चक्कर लगाने वाले मावेन ने ही यह समझने में मदद की है कि मंगल पर कैसे बड़े बदलाव हुए, कैसे जो ग्रह कभी पानी से भरा था, आज एक ठंडा और सूखा रेगिस्तान बन गया.

मावेन नासा के दो सक्रिय रोवर्स—क्यूरियोसिटी (Curiosity) और पर्सिवियरेंस (Perseverance)—के लिए एक अहम संचार लिंक (Communication Link) की तरह भी काम कर रहा था.

नासा के पास मंगल की कक्षा में अभी भी दो एक्टिव अंतरिक्ष यान हैं:

  • मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (2005 में लॉन्च)

  • मार्स ओडिसी (2001 में लॉन्च)

मावेन ने किए कई अहम वैज्ञानिक खुलासे

पिछले 12 सालों में मावेन ने कई अहम और अभूतपूर्व वैज्ञानिक खुलासे किए हैं:

  • पानी का गायब होना: मावेन के डेटा से ही पता चला था कि मंगल का पानी भाप बनकर अंतरिक्ष में उड़ गया. जानकारी मिली कि जब वहां धूल भरी आंधियां चलती हैं, तो पानी के कण वायुमंडल में ऊपर चले जाते हैं और सौर हवाएं उन्हें उड़ा ले जाती हैं.

  • चुंबकीय पूंछ: मावेन ने ही मंगल की एक अदृश्य (Invisible Magnetic Tail) का पता लगाया था.

  • प्रोटॉन ऑरोरा: इसने मंगल पर एक नई तरह की प्रोटॉन ऑरोरा (Proton Aurora) रोशनी को डिस्कवर किया था.

अब आगे क्या होगा?

मावेन का अचानक सिग्नल न देना सिर्फ एक विज्ञान मिशन का रुकना नहीं है, बल्कि यह मंगल पर मौजूद रोवर्स के लिए भी एक ऑपरेशनल संकट है, क्योंकि यह एक कम्युनिकेशन रिले के रूप में कार्य करता था.

नासा की ऑपरेशन टीम इस गड़बड़ी की जांच कर रही है और संपर्क दोबारा साधने की पूरी कोशिश की जा रही है. नासा ने अपने बयान में कहा है कि इस मामले को हल करने के लिए इंजीनियर लगातार काम कर रहे हैं और जानकारी मिलते ही उसे साझा किया जाएगा. हालांकि, अगर मावेन वापस संपर्क में नहीं आता है, तो यह मंगल मिशन के इतिहास में एक बड़ा वैज्ञानिक और ऑपरेशनल नुकसान होगा.


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